Cache क्या होता होता है इसे अच्छी से जानकारी ले।

Cache, को उसे pronounce किया जाता है “cash” (न की “catch” या “cashay”), ये किसी भी डाटा को store करता है सभी recently used information को अपने पास रखता है। जिससे की इन्हें आसानी से और जल्द ही उस डाटा को access किया जा सके बाद में.

Computers में भिन्न भिन्न प्रकार के caching का उपयोग होता है जिससे की वो बहुत ही efficiently run कर सकें, वही इससे इसकी performance को भी आसानी से बढाया जा सके.

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Common types में सारे caches के अंतर्गत आते हैं browser cache, disk cache, memory cache, और processor cache. ये सब भी मौजूद है

  1. Browser Cache
    ज्यादातर web browsers जो cache करती हैं webpage data को by default ही अपने पास रखती है। .

उदाहरण के के तौर पर हम बात करे तो, जब आप किसी webpage को जब visit करते हैं, तब ऐसे में browser cache करता ही हैं HTML, images, और किसी CSS या JavaScript files को जो की उसे referenced भी किया गया होता है वो भी उस page के द्वारा.

आप जब भी browse करते हैं दुसरे pages से site में जो की उपयोग करते हैं वही समान images, CSS, या JavaScript, तब आपके browser को फिर से उन files को re-download ही अब उसे नहीं करना पड़ता है. बल्कि browser simply उन्हें load असानी से कर देता है cache से, जो की उसका डाटा सारा stored होता है आपके local hard drive में.

  1. Memory Cache
    जब कोई भी application run कर रहा होता है, तब ये कुछ data को भी cache करता है आपके system memory, या RAM में भी.

उदाहरण के तौर पर हम बात करे तो, अगर आप किसी भी video project के ऊपर अगर काम कर रहे हैं, तब video editor या कुछ specific video clips और audio tracks को जब load करता है आपके hard drive से RAM में.

चूँकि RAM को जो access किया जा सकता है बहुत ही जल्दी से यदि हम किसी hard drive से इसकी तुलना करें, इससे ये होगा की ये lag को कम करेगी जब files को import और edit करने के समय आती है.

  1. Disk Cache
    आपको ज्यादातर HDDs और SSDs में दीखता है एक छोटी मात्रा की RAM होती है जो की serve भी करता है वो भी एक disk cache के हिसाब से. एक ही typical में 1 terabyte hard drive में होता है 32 megabytes cache दीखता है, वही एक 2 TB hard drive में ये करीब 64 MB cache ही मेमोरी में जगह लेता है.

ये छोटी मात्रा के RAM में एक बड़ा difference भी ला सकता है वो भी drive के performance में.

उदाहरण के तौर पर हम बात करे तो, जब आप किसी को open करते हैं एक folder को जिसमें की बहुत सारे भी files होते हैं, वही इन files की references automatically ही save हो रहते हैं वो भी आपके disk cache में. जिससे ये होता है की अगली बार जब आप उस Folder को open करते हैं, तब Files की list अपने आप ही बहुत ही जल्दी load हो जाते है तुरंत ही, न की कोई भी ज्यादा समय लगाते हैं.

  1. Processor caches
    एक बहुत ही छोटे होते हैं जो की disk caches की तुलना में. ऐसा इसलिए क्योकि एक processor cache में भी होता है tiny blocks of data, उदाहरण के तौर पर frequently used instructions, जिन्हें की आप असनी से उसे access किया जा सकता है तुरंत ही आपके CPU के द्वारा.

Modern processors में एक L1 cache भी होता है जो की processor के ठीक बगल में में ही उपस्थित होता है और एक L2 cache जो की थोडा दूर ही उपस्थित होता है.

अब L1 cache सबसे ज्यादा और छोटा भी होता है (करीब 64 KB), वही L2 cache की size होती है करीब 2 MB की होती है. कुछ high-end processors में एक L3 cache भी उपस्थित भी होता है, जो की L2 cache से भी थोड़ा बड़ा होता है.

जब कोई भी processor या कोई भी data को जब हम access करते है तब एक higher level का caches से, तब ऐसे में इसे data को move करना भी परता है higer level से lower level cache में जिससे की आपको अगली बार faster access होने में कभी मदद करता है। .

ज्यादातर caching ये भी होती है जो की background में ही चलता है, इसलिए आपको ये भी आसानी से पता ही नहीं चल पाता की ये हो भी रही है या नहीं. वही इनमें से केवल एक ही ऐसा cache होता है जिसे की आप आसानी से उसे control कर सकते हैं जो की है अपने browser cache मे।

आप चाहें तो अपने ही browser preferences को असानी से open कर सकते हैं वो भी इसके cache settings को देखने के लिए और वही इसके browser cache size को भी ये alter कर सकते हैं या चाहें तो cache को खुला भी कर सकते हैं जब आपके जरुरत पड़े.

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