जीएसटी का फुल फॉर्म क्या होता है?

क्या आप भी जानने का इच्छा रखते हैं की GST का Full Form क्या होता है? भारत सरकार द्वारा तय किये गए बहुत से taxes को हम पर सुचारु ढंग से लागु हुआ करते थे. वही ऐसा भी नहीं मानना है की वो अब वो टैक्स लागु नहीं होते हैं. लेकिन सरकार के कुछ वर्षों पहले एक ऐसे Tax की शुरुवात भी करी जो की सभी taxes का मूल है. यानि की सभी taxes का समाहार को इसे GST कहते हैं. क्या आप और हम ये भी जानते हैं की GST का Full Form क्या होता है? यदि नहीं तब आज का यह article आपके लिए सच में काफी जानकारी देने वाला है.

वही हम सभी भारतीयों को ये जानना चाहिए की आखिर में जीएसटी क्या है, जीएसटी का फुल फॉर्म भी क्या होगा, जीएसटी के प्रकार क्या है इत्यादि सभी सवालों का जवाब जरुर से मालूम होना भी जरुरी और अहम् है. वही विद्यार्थियों को तो इसके बारे में जरुर ही जानना चाहिए क्योकि अक्सर काफी सारे competitive exams में इससे सम्बंधित सारे सवाल भी पूछे जाते हैं. तो फिर बिना देरी किये चलिए इस को अब शुरू करते हैं और जानते हैं की आखिर GST का Full Form in Hindi में क्या होता है.

जीएसटी आखिर में क्या है?

GST Ka full form kya hota hai
GST ka full form kya hota hai

GST एक संघीय कर (Federal Tax) के रूप में है. जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जो वस्तुओं को (Goods) और सेवाओं को (Services) की बिक्री पर ही लगाया जाता है. यह 1 जुलाई, 2017 से ये पूरे देश में लागू किया गया था. GST का भुगतान Consumers द्वारा ही किया जाता है, लेकिन यह माल (Goods) और सेवाओं (Services) को बेचने वाले व्यवसायों द्वारा सरकार को भी प्रेषित किया जाता है.

सही में, जीएसटी सरकार को Revenue भी प्रदान करता है. Business में Products की कीमत में GST भी जोड़ा जाता है, और एक ग्राहक जो Product को खरीदता है वह बिक्री का मूल्य और GST का भुगतान भी करता है. GST का हिस्सा एकत्र भी किया जाता है और सरकार को भी भेजा जाता है. इसे कुछ देशों में Value Added Tax (VAT) के रूप में भी आप और हम जानते है.

जीएसटी का फुल फॉर्म हिंदी में जानिए– Full form of GST in Hindi

GST का Full Form क्या होता है Goods and Services Tax. GST का फुल फॉर्म दो शब्दों से ही बना हुआ है, Goods और Services Tax. Goods का मतलब माल ही होता है जिसे हम Products भी कह सकते हैं जो सभी प्रकार की चल संपत्ति के रूप में दर्शाता है, जिसमें Claim, फसल, घास, और जमीन से जुड़ी सभी चीजें शामिल ही होती हैं जिन्हें आपूर्ति से पहले या आपूर्ति के अनुबंध के तहत अलग करने के लिए सहमति से होता है.

Services Tax का मतलब होता है Central Tax, State Tax या किसी वस्तु या सेवाओं (Services) की आपूर्ति पर Tax वाहन होता है. जैसा की मैं पहले ही आपको बता चूका हूँ, GST का पूरा नाम Goods and Services Tax ही होता है. Goods and Services Tax के बारे में अधिक जानने से पहले, आइए यह भी समझने की कोशिश करें कि भारत में Tax कैसे काम करते हैं.

किसी भी देश की सरकार को अपने कामकाज के लिए धन की आवश्यकता परती है और सरकार के लिए कर धन का एक बहुत ही बड़ा स्रोत होता है. इस प्रकार से एकत्र किए गए Tax को सरकार द्वारा जनता पर खर्च भी किया जाता है.

इन करों को भी मोटे तौर पर दो प्रकारों में वर्गीकृत भी किया जाता है:

1) प्रत्यक्ष कर
2) अप्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर जो की (Direct Tax) – प्रत्यक्ष कर किसी भी व्यक्ति की आय पर ही लगाया जाता है. Tax देय की राशि विभिन्न स्रोतों को जैसे वेतन, मकान का किराया आय इत्यादि से व्यक्ति द्वारा प्राप्त Income से भी ये अलग होती है, इसलिए जितना अधिक आप उसे कमाते हैं, उतना अधिक कर आप सरकार को Tax के रूप में चुकाते हैं, जिसका मतलब यह है कि अमीर को गरीबों के तुलना में अधिक Tax का भी भुगतान करना पड़ता है.

अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) – अप्रत्यक्ष कर सीधे व्यक्तियों की आय पर कदापि नहीं लगाया जाता है. इसके बजाय, यह वस्तुओं और Services पर ही लगाया जाता है जो बदले में वस्तुओं और सेवाओं की लागत MRP को निश्चित रूप से बढ़ाते हैं. इनमें से कुछ केंद्र सरकार द्वारा भी लगाए जाते हैं जबकि कुछ राज्य सरकार द्वारा भी वो अपना कर लगाते हैं, जो अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एक जटिल प्रणाली के रूप में बनाते हैं.

अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को आसान बनाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा लगाए गए सभी अप्रत्यक्ष करों को बदलने के लिए GST की शुरुआत की गई है.

जीएसटी का पूरा नाम क्या होता है?

असल में जीएसटी का पूरा नाम होता है “वस्तु एवं सेवा कर“. यहाँ इसे पूरी देश में 1 July 2017 से ही ये लागु किया जा चूका है.

जीएसटी के कितने प्रकार

चलिए अब GST के किन-किन प्रकार के बारे में जानते हैं. नीचे इनके बारे में पूरी जानकारी प्रदान की गयी है.

  1. CGST – CGST का क्या अर्थ है ‘Central goods and services tax’ जिसका अर्थ है कि कर के इस part के तहत एकत्रित राशि केंद्र सरकार के नियंत्रण में ही होता है.

  2. SGST – SGST का क्या अर्थ है ‘State goods and services tax’ जिसका अर्थ है कि Tax के इस भाग के तहत एकत्रित राशि राज्य सरकार के नियंत्रण में होता है.

  3. IGST – IGST का क्या अर्थ है integrated goods and services tax ’जिसका मतलब है कि इस प्रकार के जीएसटी के तहत एकत्रित राशि का भुगतान केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को ही किया जाएगा.

4 UTGST – UTGST का क्या अर्थ है ‘Union Territory goods and service tax’ या इसे हिंदी में क्या कहते हैं ‘केंद्र शासित प्रदेश के लिए सामान और सेवा कर (UTGST) के रूप में ही होता है ।’

भारत में सभी केंद्र शासित प्रदेशों को एक विशेष प्रकार की जीएसटी के अंतर्गत में रखा गया है. जिसे जीएसटी नियामक 2016 के अनुसार “केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा कर को ही कहा जाता है. UTGST भारत में सभी केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक समान कर को लागू करने के लिए जिम्मेदार करता है.

इसे अच्छी तरह से समझने के लिए आइए एक उदाहरण पर आपको बताते हैं: –

यदि products खुद के राज्य में बनाया जाता है और फिर उसी राज्य में उस सामान को बेचा जाता है, तो CGST और SGST को ही लागू किया जाएगा और total tax amount आधी में वितरित की जाएगी और प्रत्येक आधा CGST और SGST के रूप में भी प्राप्त की जाएगी.

अगर मान ले की कोई व्यक्ति सीसीटीवी कैमरा को खरीदता है तो उसे 18% टैक्स को देना होगा इसलिए CGST 9% होगा और SGST 9% उस माल का होगा और इसका भरपाई बिल में अलग से किया जाता है ।

मन ले की यदि किसी राज्य में किसी माल बनाया जाता है और फिर उसे दूसरे राज्य में उस माल को बेचा जाता है, तो केवल IGST का लागू होगा और tax की पूरी राशि केंद्र सरकार को ही दी जाएगी.

जीएसटी में भिन्न-भिन्न प्रकार की दरें क्या हैं?

GST के भिन्न-भिन्न प्रकार के दरें भी निम्नलखित प्रकार की है.

GST rate के अनुसार प्रतिदिन के काम काज और जरूरतों से जुड़ी सभी चीजों को NIL slab में ही रखा गया है और GST में चार स्तर 5%, 12%, 18% और 28% की दरें भी निर्धारित की गई हैं.

5 % टैक्स
GST के तहत आने वाले 5% टैक्स स्लैब के दायरे में भी कुछ सामान ऐसे भी है जैसे की चीनी, चाय, भुने हुई कॉफी बीन्स, बच्चों के लिए Milk food, पैक्ड पनीर, सूती धागा, फैब्रिक, खाने योग्य तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, सरकंडे की झाड़ू, 500 रुपये तक की फुटवेयर, न्यूजप्रिंट, PDS के तहत सभी जगह मिलने वाला केरोसिन, कोयला, घरेलू LPG, सोलर फोटोफोलटैक सेल और मॉड्यूल, कॉटन फाइबर, कपड़े भी शामिल है जोकि 1000 रुपये तक का ही हों.

12 % टैक्स
जीएसटी के तहत 12 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में आने वाले कुछ सामान जैसे की मक्खन, काजू, बादाम, सॉस, फलों का जूस, घी, मोबाइल, अगरबत्ती, छाता, कपड़े, नारियल पानी, आदि जोकि 1000 रुपये से अधिक का भी हो.

18 % टैक्स
GST के तहत 18 % टैक्स स्लैब के दायरे में कुछ सामान ऐसे है जो की जैसे की कॉर्न फ्लैक्स, जैम, सूप, आइसक्रीम, टॉयलेट/फेशियल टिश्यूज, AC, रेफ्रिजरेटर, लैपटॉप और हेयल ऑयल, फाउंटेन पेन, कंप्यूटर, मानवनिर्मित फाइबर, साबुन, टूथपेस्ट, कैपिटल गुड्स, पास्ता, आयरन/स्टील, 500 रुपये से अधिक के फुटवेयर आदि भी शामिल है.

28 % टैक्स GST के तहत 28 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में कुछ ऐसे भी सामान है जैसे की उपभोक्ता के लिए टिकाऊ वस्तुएं, कस्टर्ड पाउडर, परफ्यूम, शैंपू, सीमेंट, चुइंग गम, मेकअप, पटाखे, मेकअप का सामान और मोटरसाइकल आदि बस्तु भी शामिल हैं.

सरकार का साफ तौर पर भी कहना है कि 81 % चीजें ऐसी भी हैं जो 18 % से कम के GST स्लैब के दायरे में आती हैं. केवल 19 % सामान ही इससे ऊपर के दायरे में ही आता है.

आज आपने क्या इस लेख से क्या सीखा है ?

मुझे आपसे काफी उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख जीएसटी का फुल फॉर्म क्या होता है आपको जरुर पसंद आई भी होगी. मेरा हमेशा से यही कोशिश रहता है की readers को GST Full Form in Hindi के बारे में पूरी जानकारी आपको प्रदान की जाये जिससे की उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत भी आपको नहीं पड़ेगी.

इससे आपकी समय की काफी बचत भी होगी और एक ही जगह में आपको सारे information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts या संदेह हैं या आप चाहते भी हैं की इसमें कुछ और सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख में मुझे लिख सकते हैं.

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